अमर शर्मा 9006357621
ये कहानी मेरे दादाजी बहुत बपन मे बताएं थे आज मै आप लोगो को बता रहा हूँ। मेरे गाव की चौक की ये कहानि हैँ। कहा जाता हैं की उस समय भूतो का काफी नाम था। सात बजते इस चौक से लोगो का आन जान बन्द हो जाता था। ऐसा मानना हैं की यहा पर रोज़ाना भूतो कि गस्ती , हूँआ करता था जिस वजह से लोगो का आन जान बन्द हो जाता था। शादी विवाह का समय था। एक ब्राह्मण इसी रास्ते से जा रहे थे काफि दूर चल्ने के बाद रास्ते मै एक खौफ नाक भुत से पाला पारा , ओ भुत जो था ओ भि काफि ज्ञानि था क्योकि ओ भि ब्रह्माण ही था। ओ एक पेड़ पर बैठा पाठ पढ़ रहा था अचानक उस ब्राह्मण पर नजर परा ब्राह्मण घबड़ा गया अब क्या होगा क्योकि उसे शादी कराने के लिये जाना था औऱ ओ काफि लेंट मे था भुत ने कहा इतनी रात को कहा जारहे हो उस पंडित ने कहा मै शादी कराने जा रहा हूँ मुझे आज जाने दिजिये मै आप से बाद मै मिलूंगाः लेकिन वह नहि माना क्योकि ओ भि काफि ज्ञानि था आज मै तुम्हे नहि छोड़ूँगा तो पंडित ने हनुमान चलिषा का जाप करने लगा तो भूतो ने भि चालु कर दि कहा मैँ भि पंड़ित
हूँ जबतक मेरा ज्ञान का आमना सामने नहि होगा तब तक मै तुम्हारे साथ नहि छोड़ूंगा ब्राहम्ण काफि ड़र सा गये थे चूकी शादि भि तो कारबाना था वहा सभि लोग इंतज़ार कर रहे थे कब पंडित जि आएंगे। शादी कैसे होगा काफी देर तक दोनो के बिच मै मंत्रो का बर्तालाप चला भुत का कहना था कि अगर तुम मुझसे जीत जाओ गे मंत्रो मै तो हम तुम्हे छोर देंगे जब पंडित ने गायत्रीं मन्त्र का आवाहरण किया तो उससे आगे आगे भुत पढने लगा काफि देर तक चाला लास्ट मै कहा पंड़ित मै हार गया लेकिन ओ भूत काफी दयालू था ओ देख रहा था कि ये ब्राह्मण पंडित लायक हैं या नहि। ओ भूत कहा नाम से पंडित नहि होना चाहिए ज्ञान भि होना जरुरी हैं फ़िर ओ ब्रह्माण माफ़ी माँगा अब मुझे जाने दीजिये तो भुत ने कहा जब तक तुम वहा जाओगे तब तक तो सुबह हो जायगा। तुम शादी कैसे कराओ गे फ़िर ओ सोच मै पर गयें एक उपाय हैं। तुम मेरे हाथ पकरो और हावा मै उड़ा के ले गये। जा के जहा शादी हो रहा था वहा गिरा दिया। सभी लोग चौक गए पंडित जि ह्वा मैन से गिरे हैँ ,पंड़ित कह ये सब छोड़ों लडक़ा और लड़की को लाओ और दोनो का शादि शांतीपूर्ण हो गयां । इस लिए कहते हैं इंसान को अपने आप पे घमंड नहि करना चहिये।